..हारा मैं हारा दिल तुझपे मैं हारा..
..ओ यारा मेरे यारा दिल तुझपे मैं हारा..
..बनके दीवाना मैं होके अवारा मैं..
..ढूँढू तुझे अब मैं शामों-शहर..
..करु जो बातें मैं या फरियादें मै..
..नाम तुम्हारा बस आये नजर..
..तन्हा जो बैठूँ मैं सपने जो संजोउ मैं..
..जिक्र तेरा यूँ ही कर जाएँ खामोश लब मेरे..
..मांगू मैं हरदम देखु मैं हर लम्हा..
..तुझे अपने ख्वाबों मे अब..
..डूबे आँखें मेरी तेरी इनायत मे..
..कर लू तुझे मैं अपनी साँसों में..
..हारा मैं हारा दिल तुझपे मैं हारा..
..ओ यारा मेरे यारा दिल तुझपे मैं हारा..
..तु मुझमे मैं तुझमे रहे यूं ही गुमशुदा..
..बातें हालातें मेरी रातें गुजारी संग तेरे..
..आएँ बिन तेरे ना कुछ भी नज़र..
..जुल्फें संवारु मैं लबो को संजाउ मैं..
..हैराँ कर तुझे गले लग जाउँ मैं..
..तेरा अक्स ही वजूद मेरा..
..तेरा एहसास ही नसीब मेरा..
..तेरी धडकन मेरी सांसों हैं जुडी..
..तेरा मुझमे हैं खोना मेरा रब का हैं होना..
..और रातें संजोना सारी बातें मेरी तुझसे है ये सारे जहाँ से कहना..
..तु है इक बस मेरा मेरा खुद से है ये कहना..
..हारा मैं हारा दिल तुझपे मैं हारा..
..ओ यारा मेरे यारा दिल तुझपे मैं हारा..!
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