Friday, 6 September 2013

..अए सनम ज़रा ठहर के जा..

Photo: ..अए सनम ज़रा ठहर के जा..
..साँसों में जाँ अभ्भी थोडी बाकी हैं..
..अए सनम यूँ नज़रें ना हटा..
..होंठों पे नांम अभ्भी थोडी बाकी हैं..
..करु मैं इबादत शामों में..
..तु ठहर के जा रात अभ्भी थोडी बाकी हैं..
..अए सनम तेरे इरादों में..
..छल्के नैनों के जाम अभ्भी थोडी बाकी हैं..
..इक शमां संग मेरे सज़ा के जा..
..कहानी मे थोडी जां अभ्भी बाकी हैं..
..अए सनम मुझे खुद में सजा के जा..
..धडकनों में अभ्भी तु कुछ बाकी हैं..
..अय ज़िंदगी! ज़रा ठहर के जा..
..कोइ मुझमें अभ्भी थोडी बाकी हैं..
..इक घडी ठहर के जा सनम..
..के मौत में रातें अभ्भी बाकी हैं..!

Download In Pdf Click Down..

http://uppit.com/29ojs4jr61i2/..अए_सनम_ज़रा_ठहर_के_जा...pdf
..अए सनम ज़रा ठहर के जा..
..साँसों में जाँ अभ्भी थोडी बाकी हैं..
..अए सनम यूँ नज़रें ना हटा..
..होंठों पे नांम अभ्भी थोडी बाकी हैं..
..करु मैं इबादत शामों में..
..तु ठहर के जा रात अभ्भी थोडी बाकी हैं..
..अए सनम तेरे इरादों में..
..छल्के नैनों के जाम अभ्भी थोडी बाकी हैं..
..इक शमां संग मेरे सज़ा के जा..
..कहानी मे थोडी जां अभ्भी बाकी हैं..
..अए सनम मुझे खुद में सजा के जा..
..धडकनों में अभ्भी तु कुछ बाकी हैं..
..अय ज़िंदगी! ज़रा ठहर के जा..
..कोइ मुझमें अभ्भी थोडी बाकी हैं..
..इक घडी ठहर के जा सनम..
..के मौत में रातें अभ्भी बाकी हैं..!

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