..गहरी खामोशियों का साथ हैं..
..ऐ वक्त हर वक्त बस तेरी ही बात हैं..
..क्यूँ खोउँ मैं तुझे..
..क्यूं तलाशूं कही और तुझे मैं..
..तु हर वक्त मेरे साथ हैं..
..मेरा तु वजूद हैं..
..तु ही बता मैं क्या करूं..
..जिउँ तेरी खामोशियों को..
..या फिर करुँ अपनी मौत का इन्तेज़ार..
..तु हैं की मुझसे जुडता नहीं..
..कहीं वो ही जुड जाएं मेरे किसी बहाने से..
..यकीं मानो खामोशीयाँ मेरी अब मुझे सताती हैं..
..रैनों से कहानीयाँ कोइ बरसाती हैं..
..ओ तु वक्त हैं ना तु नहीं बदलेगा..
..फितरत अपनी छोडेगा नहीं ना..
..चलो ठीक हैं..!
..अए वक्त अब मैं बदलता हूँ..
..तेरे ही वक्त मे अब मौत चुनता हूँ..
..कह लेना जो कुछ कहना हो..
..गर तुमेह पीठ-पीछे मेरे..
..ज़िन्दगी यूं ही तन्हा बिताने का नाम नहीं होती..!
Download In Pdf Click Down..
गहरी_खामोशियों_का_साथ_हैं.pdf
..ऐ वक्त हर वक्त बस तेरी ही बात हैं..
..क्यूँ खोउँ मैं तुझे..
..क्यूं तलाशूं कही और तुझे मैं..
..तु हर वक्त मेरे साथ हैं..
..मेरा तु वजूद हैं..
..तु ही बता मैं क्या करूं..
..जिउँ तेरी खामोशियों को..
..या फिर करुँ अपनी मौत का इन्तेज़ार..
..तु हैं की मुझसे जुडता नहीं..
..कहीं वो ही जुड जाएं मेरे किसी बहाने से..
..यकीं मानो खामोशीयाँ मेरी अब मुझे सताती हैं..
..रैनों से कहानीयाँ कोइ बरसाती हैं..
..ओ तु वक्त हैं ना तु नहीं बदलेगा..
..फितरत अपनी छोडेगा नहीं ना..
..चलो ठीक हैं..!
..अए वक्त अब मैं बदलता हूँ..
..तेरे ही वक्त मे अब मौत चुनता हूँ..
..कह लेना जो कुछ कहना हो..
..गर तुमेह पीठ-पीछे मेरे..
..ज़िन्दगी यूं ही तन्हा बिताने का नाम नहीं होती..!
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