बात है तिरंगे की लिखना भी आज कुछ ऐसा ही होगा
बात है हमवतन की कहना भी आज कुछ ऐसा ही होगा
जो लगे देख के की हाँ यही है भारत की पहचान
भारत की शान हमारी और तुम्हारी पावन सी जन्म-स्थान
इक ये है हमसे जुडा हमारा प्यारा सा हिन्दोस्तान और पता ना कौन हैं ये जो बाँटे जा रहा है
मजहब और धर्म के नाम टुकडों-टुकडों में सारा हिन्दोस्तान
है क्या नही यहाँ कौन नही जानता माना बात है इन मासूम जनता की पर कौन नही जानता
है पहरेदारी कर रहे मेरे अमर जवान क्या पता उन्हें घर में हैं ही डेरा बैठें डालें कई बेइमान
कहते है लोग अब तुम बस भी करो वर्मा! पागल हो क्या जो यूँ ही खुलेआम सारी सच्चाई बके जा रहे हो
माना है तुमेह पता और आती भी है सारी अदाएँ बताने को समझाने को सुनाने को
तुम्हें है क्या लेकिन कुछ खबर कुछ सुध या खुद मे ही हो तुम डूबे जा रहे
शायद तुम्हारी बातें कुछ काम की होगी मगर अभी वो वक्त नहीं जो तुम्हारे और तुम्हारे देश के नाम की होगी
है पूरी तरह कही ना कही मुझे अपनो ने ही है नाकारा
हुआँ है क्या खाख आज़ाद देश हमारा जब कोई रख नही सकता कर नहीं सकता यूँ खुलेआम सरेआम अपने हक़ की बात
जब वो जता नही सकता अपना अधिकार खुद के बनाएँ समाजो में उलझती हुई जन्जालो में
चाहो तो कहो इस खोखली सी रिवाजो में दकियानूसी शियाशतो में
रहने दूँ क्या? आज़ ये समझ के मैनें भी कुछ लिख दिया की
आखिर आज़ मै भी तो आज़ाद हूँ
मेरी बातों से शायद कोइ किसी को परेशानी ना हो और हो ये एहसास तो बस काफ़ी है
यूँ हर रोज़ क्यूँ कोइ किसी को बदनाम करता है आखिर उसने ऐसा कर क्या रख्खा है
जो यूँ ही उसकी कटी जुबानो पर बस उसका ही नाम चढ रक्खा हैं
गरीबो का भी हक़ दे दो उन्हें अपने नामो के तो तुमने बहोत बना रक्खा है
कोइ अन्जान नही मेरी जान हरकतों से तुम्हारी
सम्भल जाओ ये तुम्हारे ही हक़ मे सही है
वर्ना वो रात दूर नही जिसके बाद तुम कभी यहाँ की सवेरा ना देखो
माना दिल देखा है तुमने अभी हमारा जान अब भी पूरी बाकी है
है क्या वो चीज़ मेरी जो मै किसी से ले नही सकता
शायद तुम समझ् ही गये होगें की मै कहना क्या चाहता हूँ
लेकिन इशारे की बातें सबकों समझ नही आती
लेकिन आ ही जाती है कभी वो दिन जो सिर्फ़ उसकी ही होती है
जैसे आज़ मेरी आई है कल्ह तेरी भी आ जाऐगी
बस सिर्फ इतना ही कहना था शायद तुम नहीं समझे होगें
बातें मेरी आज़ तुमसे कुछ लम्बी हो गयी है
चलो दिल मे होता है सबके कुछ बात कुछ राज़ वो सीने से बाहर निकल जाये तो ही अच्छा है
चलो सारी बातों के बाद भी इक बात है कहनी कुछ हो ना हो लेकिन
ये “सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिताँ हमारा” हो..!
वन्दे मातरम भारत माता की जय..!
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बात है हमवतन की कहना भी आज कुछ ऐसा ही होगा
जो लगे देख के की हाँ यही है भारत की पहचान
भारत की शान हमारी और तुम्हारी पावन सी जन्म-स्थान
इक ये है हमसे जुडा हमारा प्यारा सा हिन्दोस्तान और पता ना कौन हैं ये जो बाँटे जा रहा है
मजहब और धर्म के नाम टुकडों-टुकडों में सारा हिन्दोस्तान
है क्या नही यहाँ कौन नही जानता माना बात है इन मासूम जनता की पर कौन नही जानता
है पहरेदारी कर रहे मेरे अमर जवान क्या पता उन्हें घर में हैं ही डेरा बैठें डालें कई बेइमान
कहते है लोग अब तुम बस भी करो वर्मा! पागल हो क्या जो यूँ ही खुलेआम सारी सच्चाई बके जा रहे हो
माना है तुमेह पता और आती भी है सारी अदाएँ बताने को समझाने को सुनाने को
तुम्हें है क्या लेकिन कुछ खबर कुछ सुध या खुद मे ही हो तुम डूबे जा रहे
शायद तुम्हारी बातें कुछ काम की होगी मगर अभी वो वक्त नहीं जो तुम्हारे और तुम्हारे देश के नाम की होगी
है पूरी तरह कही ना कही मुझे अपनो ने ही है नाकारा
हुआँ है क्या खाख आज़ाद देश हमारा जब कोई रख नही सकता कर नहीं सकता यूँ खुलेआम सरेआम अपने हक़ की बात
जब वो जता नही सकता अपना अधिकार खुद के बनाएँ समाजो में उलझती हुई जन्जालो में
चाहो तो कहो इस खोखली सी रिवाजो में दकियानूसी शियाशतो में
रहने दूँ क्या? आज़ ये समझ के मैनें भी कुछ लिख दिया की
आखिर आज़ मै भी तो आज़ाद हूँ
मेरी बातों से शायद कोइ किसी को परेशानी ना हो और हो ये एहसास तो बस काफ़ी है
यूँ हर रोज़ क्यूँ कोइ किसी को बदनाम करता है आखिर उसने ऐसा कर क्या रख्खा है
जो यूँ ही उसकी कटी जुबानो पर बस उसका ही नाम चढ रक्खा हैं
गरीबो का भी हक़ दे दो उन्हें अपने नामो के तो तुमने बहोत बना रक्खा है
कोइ अन्जान नही मेरी जान हरकतों से तुम्हारी
सम्भल जाओ ये तुम्हारे ही हक़ मे सही है
वर्ना वो रात दूर नही जिसके बाद तुम कभी यहाँ की सवेरा ना देखो
माना दिल देखा है तुमने अभी हमारा जान अब भी पूरी बाकी है
है क्या वो चीज़ मेरी जो मै किसी से ले नही सकता
शायद तुम समझ् ही गये होगें की मै कहना क्या चाहता हूँ
लेकिन इशारे की बातें सबकों समझ नही आती
लेकिन आ ही जाती है कभी वो दिन जो सिर्फ़ उसकी ही होती है
जैसे आज़ मेरी आई है कल्ह तेरी भी आ जाऐगी
बस सिर्फ इतना ही कहना था शायद तुम नहीं समझे होगें
बातें मेरी आज़ तुमसे कुछ लम्बी हो गयी है
चलो दिल मे होता है सबके कुछ बात कुछ राज़ वो सीने से बाहर निकल जाये तो ही अच्छा है
चलो सारी बातों के बाद भी इक बात है कहनी कुछ हो ना हो लेकिन
ये “सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिताँ हमारा” हो..!
वन्दे मातरम भारत माता की जय..!
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