Monday, 5 August 2013

Tum Jab Soye Huye The


तुम जब सोये हुए यूँ ही थे मेरे सपनों मे कही..
धडकने मेरे थमे हुए थे यूँ ही तेरी बातों पे कही..
जज्बातें मेरे दबी हुए थे तेरे होठों पे यूँ ही कही..
तुम जब सोये हुए यूँ ही थे मेरे सपनों मे कही..
तेरे चेहरे पे मेरी नजरों का यूँ ही रुकना..
तेरी आँखोँ के घनी सायों मे यूँ ही कही खोना..
तेरा यूँ ही कही मुझसे मेरा होना..
साँसें तेरे भीँगे हुए मेरी आँखों के बरसातों से कही..
तुम तो डुबे हुए थे यूँ ही कही अपनी हालातो में..
मैं तो यूँ ही कही खोया रहा तेरी रातों मे..
तुम जब सोये हुए यूँ ही थे मेरे सपनों में कही..!

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