Nitesh Verma Poetry
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Monday, 5 August 2013
Hairaa Hoon Main..
यादें तुम्हारी दिल को सताती है.. तड़पाती है.. तरसाती है..
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हैंराँ हूँ मैं ये सोच के..
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तुम ख्वाबों में भी कितनी वफ़ाई से वेवफ़ाई निभा जाती हो..!
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