Tuesday, 20 August 2013

इन्सान है तु..

Photo: इन्सान है तु किस बात पे है रुका..
किस याद में है तु खोया..
परिन्दों के पर काट के अब तु क्यूँ है रोता..?

हुआ अब तुझे क्या क्या मन तेरा अब भी शांत नहीं..?
चित्त तेरा अब भी भरा नहीं क्या देखने तु आया हैं..? 
किस इन्तेज़ार में तु अब रुका हैं..?
क्या हुआ है तुझे कही तुझे अब उससे कुछ और चाहिएं क्या..?

ऐसी खामोशीयों के पीछे का राज़ है मुझे पता..
तु क्या वो तो नही सोच रहा जो हूँ अभी मैं सोच रहा..?
ना कर ऐसा उस रब से तो डर..
चल रही है अब भी सांसे तु ज़रा इक बार गौर तो कर..

रहने दे.. जीने दे.. ये बिन पर के भी जी तुझे दुआ देन्गे..
बिन आपन जीना कैसा होता हैं ये बिछ्डन कैसा होता हैं..?
ऐ वर्मा..! तुझे भी है क्या ये बताना या समझाना..?
शायद तु मार इसे कर ले अपना शौख पूरा..

लेकिन कर यकीं मेरा तु खुद मे खोया जायेगा.. यूँ ही मरा जायेगा.. खुद से रुठा जायेगा..
अभी ना सही लेकिन कभी तो सही..
इन्सान है मुहब्बत में तो आ ही जायेगा कभी..
ना कर ऐसा तु इन्सान हैं और मेरे दोस्त जीव-दया तेरा काम हैं..!

Download This Poetry In pdf Click Down..

http://uppit.com/yno3zch5hc4d/Isaan_Hai_Tu...pdf

इन्सान है तु किस बात पे है रुका..
किस याद में है तु खोया..
परिन्दों के पर काट के अब तु क्यूँ है रोता..?

हुआ अब तुझे क्या क्या मन तेरा अब भी शांत नहीं..?
चित्त तेरा अब भी भरा नहीं क्या देखने तु आया हैं..? 
किस इन्तेज़ार में तु अब रुका हैं..?
क्या हुआ है तुझे कही तुझे अब उससे कुछ और चाहिएं क्या..?

ऐसी खामोशीयों के पीछे का राज़ है मुझे पता..
तु क्या वो तो नही सोच रहा जो हूँ अभी मैं सोच रहा..?
ना कर ऐसा उस रब से तो डर..
चल रही है अब भी सांसे तु ज़रा इक बार गौर तो कर..

रहने दे.. जीने दे.. ये बिन पर के भी जी तुझे दुआ देन्गे..
बिन आपन जीना कैसा होता हैं ये बिछ्डन कैसा होता हैं..?
ऐ वर्मा..! तुझे भी है क्या ये बताना या समझाना..?
शायद तु मार इसे कर ले अपना शौख पूरा..

लेकिन कर यकीं मेरा तु खुद मे खोया जायेगा.. यूँ ही मरा जायेगा.. खुद से रुठा जायेगा..
अभी ना सही लेकिन कभी तो सही..
इन्सान है मुहब्बत में तो आ ही जायेगा कभी..
ना कर ऐसा तु इन्सान हैं और मेरे दोस्त जीव-दया तेरा काम हैं..!



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Isaan_Hai_Tu...pdf

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