Monday, 12 August 2013

तु रहा अन्धेरो मे यूँ ही कही..


तु रहा अन्धेरो मे यूँ ही कही..
बदनाम सारी रात होती रहीं..
तेरी आशिकी की बातों मे मै यूँ ही उल्झा रहा..
और तुम कहती हो कायनात सारी रात तुमपे बरसती रही!

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