Monday, 5 August 2013

Tum Khwaab Ho Mere Ab Tumse Kya Kahna..?


तुम भी इक दिन मेरी दीवानी हो जाओगी.. मेरी मौत की तरह..
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आज़कल परेशाँ ये मेरी जिंदगीं से लडा़ करती है.. मुझे अपना बनाने को..!

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