निकलकर इस धूप से छांव में आ जाइये
परेशान ना होइये, मेरे दांव में आ जाइये।
है सवाल जो मध्ये-नज़र मुहब्बत में मेरी
पायल सी खनकती है पांव में आ जाइये।
सुकून जब दिल को आये ना पल भर तो
यकीन करिए और ये गांव में आ जाइये।
नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry
परेशान ना होइये, मेरे दांव में आ जाइये।
है सवाल जो मध्ये-नज़र मुहब्बत में मेरी
पायल सी खनकती है पांव में आ जाइये।
सुकून जब दिल को आये ना पल भर तो
यकीन करिए और ये गांव में आ जाइये।
नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry
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