इस तरह ज़माने में कुछ और हुआ नहीं
मैं ठहरा रहा.. किसी को गौर हुआ नहीं।
इश्क़ भी किया, काम भी करता रहा मैं
मगर ज़ाहिर करुँ शउरे तौर हुआ नहीं।
नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry
मैं ठहरा रहा.. किसी को गौर हुआ नहीं।
इश्क़ भी किया, काम भी करता रहा मैं
मगर ज़ाहिर करुँ शउरे तौर हुआ नहीं।
नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry
 
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