उदास चेहरा कुछ बतानें को हैं
दिल मेरा शायद दुखानें को हैं
वो अदा हैं निगां को छुपाने का
ये वो नहीं के हमें भूलानें को हैं
हार जाता हैं ये तुम्हारें आगे आ
ये आईना तुम्हें समझानें को हैं
क्यूं ताउम्र फासलों का सफर हैं
कोई ख्याल उसे मिटानें को हैं
आ-आ कर लग जाती हैं गले वो
शायद मुझे अपना बनाने को हैं
हम तो फिरतें रहें तंग गलियोंमें
और बैठें वो यूं घर सजानें को हैं
नहीं समझ रहा हाल-ए-दिल वो
जो मेरी बाहों में यूं समानें को हैं
कितनी जुबां लगा बैठा हैं वर्मा
दर्द अब तो मरहम लगानें को हैं
नितेश वर्मा
दिल मेरा शायद दुखानें को हैं
वो अदा हैं निगां को छुपाने का
ये वो नहीं के हमें भूलानें को हैं
हार जाता हैं ये तुम्हारें आगे आ
ये आईना तुम्हें समझानें को हैं
क्यूं ताउम्र फासलों का सफर हैं
कोई ख्याल उसे मिटानें को हैं
आ-आ कर लग जाती हैं गले वो
शायद मुझे अपना बनाने को हैं
हम तो फिरतें रहें तंग गलियोंमें
और बैठें वो यूं घर सजानें को हैं
नहीं समझ रहा हाल-ए-दिल वो
जो मेरी बाहों में यूं समानें को हैं
कितनी जुबां लगा बैठा हैं वर्मा
दर्द अब तो मरहम लगानें को हैं
नितेश वर्मा