कुछ याद करके कुछ भूल जातें हैं
सबक ऐसे फिर भी स्कूल जाते हैं
हम ख्वाब की बात करते रहते हैं
तो आँखों में जानें क्यूं धूल जाते हैं
सबकी दुआओं की सुनवाई की हैं
यूंही नहीं वहाँ लेके सब फूल जाते हैं
आज उन सबका हिसाब होना ही हैं
लाशें कफन रखके जो भूल जाते हैं
नितेश वर्मा
सबक ऐसे फिर भी स्कूल जाते हैं
हम ख्वाब की बात करते रहते हैं
तो आँखों में जानें क्यूं धूल जाते हैं
सबकी दुआओं की सुनवाई की हैं
यूंही नहीं वहाँ लेके सब फूल जाते हैं
आज उन सबका हिसाब होना ही हैं
लाशें कफन रखके जो भूल जाते हैं
नितेश वर्मा
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