Wednesday, 27 May 2015

शिकायतें, शर्तें अब उनसे कितनी रक्खूं

शिकायतें, शर्तें अब उनसे कितनी रक्खूं
दिलहारें बैठे आरज़ू उनसे कितनी रक्खूं

वो चले एक कदम भी उनकी मर्जी से है
अब हालातें गुजरते उनसे कितनी रक्खूं

नितेश वर्मा और शिकायतें

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