Friday, 27 November 2015

सर्दी की रात

सर्दी की रात
दो जिस्म
ठिठुरते जुबाँ
कुहासे सी
ठंडी बयार
अगन की रात
और फिर
बेवक्त की
बारिश ☔
हाय!
मामला फिर
इस दफे भी
बीच में ही
रह गया।

नितेश वर्मा

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