दिल पहले से ही हल्का भारी था
जैसे खुदपे कहीं एक उधारी था।
कोई लगा है जाके अब रोग मुझे
और बरसों से एक महामारी था।
न है मुझमें मेरी वफादारी तुमसे
यही तो मुझमें एक बीमारी था।
उससे बड़ा कौन है यहाँ यूं वर्मा
वो ही मुझमें एक होशियारी था।
नितेश वर्मा
जैसे खुदपे कहीं एक उधारी था।
कोई लगा है जाके अब रोग मुझे
और बरसों से एक महामारी था।
न है मुझमें मेरी वफादारी तुमसे
यही तो मुझमें एक बीमारी था।
उससे बड़ा कौन है यहाँ यूं वर्मा
वो ही मुझमें एक होशियारी था।
नितेश वर्मा
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