चेन्नई के लोगों (बाढ से पीडित) के लिये कृप्या दुआ के साथ-साथ दवा का भी इंतेज़ाम करें। विनम्र निवेदन हैं।
वो खामोश सी रहनें लगी हैं
जबसे मेरे बगैर रहनें लगी हैं
उसकी आँखें नम ही रहती हैं
और लोग कहते हैं जानें क्यूं
तस्वीर मेरी बिखरनें लगी हैं
मुझे तो ऐतराज़ हैं हर बात से
हर ज़िस्म हर दरों-दीवार से
खुलकें कभी आया नहीं हैं वो
परेशां हैं दिल कलकी रात से
नहीं हैं सब्र अब अब्र बरसते हैं
बात कलकी ही करनी हैं फिर
जां फिर से मुसीबत में हैं वर्मा
दुआ के साथ दवा भी करनी हैं
दुआ के साथ दवा भी करनी हैं।
नितेश वर्मा
वो खामोश सी रहनें लगी हैं
जबसे मेरे बगैर रहनें लगी हैं
उसकी आँखें नम ही रहती हैं
और लोग कहते हैं जानें क्यूं
तस्वीर मेरी बिखरनें लगी हैं
मुझे तो ऐतराज़ हैं हर बात से
हर ज़िस्म हर दरों-दीवार से
खुलकें कभी आया नहीं हैं वो
परेशां हैं दिल कलकी रात से
नहीं हैं सब्र अब अब्र बरसते हैं
बात कलकी ही करनी हैं फिर
जां फिर से मुसीबत में हैं वर्मा
दुआ के साथ दवा भी करनी हैं
दुआ के साथ दवा भी करनी हैं।
नितेश वर्मा
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