खामोशी उसकी नजरों की देखिये
फिर बेहाली इन बदरों की देखिये।
जिन्दगी से गम भी रिहा हुये वर्मा
चालें बदलती ये मुहरों की देखिये।
नितेश वर्मा
फिर बेहाली इन बदरों की देखिये।
जिन्दगी से गम भी रिहा हुये वर्मा
चालें बदलती ये मुहरों की देखिये।
नितेश वर्मा
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