फिर से मिल जाये नज़र तुमसे
होश कहीं ये गुम हो जाये
फिर से बात कहीं ठहर जाये
कोई जुबाँ यूं जिस्म हो जाये
शरारतें किताबी आदत हो
जब तुम कभी आ जाओ
गुमनाम कोई नाम मेरा हो
जुबाँ ये मरहम हो जाये
ठहर जाये ये साँस हल्की
जिन्दगी आसमान हो जाये
तुम फिर सब समझ जाओ
तुम फिर से गले लग जाओ
नम आँखें फिर ये खिल जाये
एक दफा फिर से..
फिर से मिल जाये नज़र तुमसे।
नितेश वर्मा
होश कहीं ये गुम हो जाये
फिर से बात कहीं ठहर जाये
कोई जुबाँ यूं जिस्म हो जाये
शरारतें किताबी आदत हो
जब तुम कभी आ जाओ
गुमनाम कोई नाम मेरा हो
जुबाँ ये मरहम हो जाये
ठहर जाये ये साँस हल्की
जिन्दगी आसमान हो जाये
तुम फिर सब समझ जाओ
तुम फिर से गले लग जाओ
नम आँखें फिर ये खिल जाये
एक दफा फिर से..
फिर से मिल जाये नज़र तुमसे।
नितेश वर्मा
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