कुछ है जो मुझको चुभता रहता है
दिल तेरा होके भी दुखता रहता है।
मोहब्बत मुझको भी हो गयी है यूं
ख्याल अरमां वो दिखता रहता है।
हर सफे पर तुम ही लिखे गये हो
हर हर्फ़ पे जुबाँ रूकता रहता है।
नाउम्मीद है थोड़े नाराज भी वर्मा
जमाना ये मुझपे थूकता रहता है।
नितेश वर्मा
दिल तेरा होके भी दुखता रहता है।
मोहब्बत मुझको भी हो गयी है यूं
ख्याल अरमां वो दिखता रहता है।
हर सफे पर तुम ही लिखे गये हो
हर हर्फ़ पे जुबाँ रूकता रहता है।
नाउम्मीद है थोड़े नाराज भी वर्मा
जमाना ये मुझपे थूकता रहता है।
नितेश वर्मा
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