Thursday, 11 February 2016

तुमने इश्क में मुझे खुदको भूलाने ना दिया

तुमने इश्क में मुझे खुदको भूलाने ना दिया
चाहा के बस इतना कभी समझाने ना दिया।

मुहब्बत तुमसे चाँद की तरह होने लगी थीं
सितारों को आँगन में हमने आने ना दिया।

कुछ वक्त चाहते थें ख्यालों में सोचे तुम्हें
तुमनें नज़र से ही कभी दूर जानें ना दिया।

प्यार था वो भी जैसे कोई पुरानी सी ख़त
दिल ने कमबख़्त कभी आज़माने ना दिया।

ज़िंदगी से प्यार और तुझसे गिला हैं वर्मा
एक चेहरा तुमनें सीने से लगाने ना दिया।

नितेश वर्मा और ना दिया।


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