Friday, 5 February 2016

यूं ही एक ख्याल सा..

आप कैसे.. आपको पता है बाइक पे बाल पतंगों की तरह उड़ने लगते है।
तो उड़ने दो ना, किसे फिक्र है.. जुल्फों से शुरु करते है, ना।
अरे! आप तो मुहब्बत की बातें करती है।
हाँ, क्यूं नहीं कर सकती क्या?
नहीं! क्यूं नहीं.. मगर आप तो मुझसे बड़ी है ना आंटी।
इतनी भी बड़ी नहीं हूँ, तुमसे 10 साल की बड़ी हूँ, बस। मगर मुझे लगता है कि मैं अभी भी अठारह की ही हूँ.. मुझ पर जैसे किसी ने ग्रहण लगा दिया है और मैं कभी अठारह से ज्यादा की हुई ही नहीं। क्या तुम्हें ये नहीं दिखता।
हुम्मम।
तो तुम मुझे ड्राइव पर ले चलोगे ना।
हुम्मम, फिर कभी।

नितेश वर्मा

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