Monday, 8 February 2016

सतही तौर पर भी लिखा जाना चाहिये

सतही तौर पर भी लिखा जाना चाहिये
मुहब्बत आपको भी आजमाना चाहिये।

कब तक ये आसमानों पर निगाहें रहे
सितारों को अब जमीं पे आना चाहिये।

ख्वाबों को संवारा है यूं नाजाने कबसे
इन ख्वाहिशातों को जला देना चाहिये।

दिल के बोझ को अब उतार भी वर्मा
जिंदगी को जिंदगी से मिलाना चाहिये।

नितेश वर्मा

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