मैं तुझे छूकर खुशबू हो जाऊँ
तुझ बिन तहक़ीरें-बूँ हो जाऊँ।
मैं निगाहों की प्यास थामें ढूंढूँ
दरिया का ठहरा खूँ हो जाऊँ।
किसी वीराने में मैं कैद रहूँ या
तुझसे मिलूं फिर तू हो जाऊँ।
मैं शाम का जलता एक दीया
अँधेरे में फैलूं हरसू हो जाऊँ।
तस्वीरें ये कैद में क्यूं रहे वर्मा
हालें-बयां मैं रूबरू हो जाऊँ।
नितेश वर्मा और हो जाऊँ।
तुझ बिन तहक़ीरें-बूँ हो जाऊँ।
मैं निगाहों की प्यास थामें ढूंढूँ
दरिया का ठहरा खूँ हो जाऊँ।
किसी वीराने में मैं कैद रहूँ या
तुझसे मिलूं फिर तू हो जाऊँ।
मैं शाम का जलता एक दीया
अँधेरे में फैलूं हरसू हो जाऊँ।
तस्वीरें ये कैद में क्यूं रहे वर्मा
हालें-बयां मैं रूबरू हो जाऊँ।
नितेश वर्मा और हो जाऊँ।
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