Monday, 7 March 2016

ऊँ नम: शिवरूद्राय

ऊँ नम: शिवरूद्राय
ऊँ नम: नीलकंठाय
ऊँ नम: महाकालाय
ऊँ नम: शिव शिव शम्भो
ऊँ नम: कैलाशाय
ऊँ नम: निरंजनाय
ऊँ नम: त्रिनेत्राय
ऊँ नम: शिव शिव शम्भो

यत्र-तत्र सर्वत्र महिमाधारी शम्भो
ग्रह नक्षत्र सर्पधारी शम्भो
अस्मिन् मने निवासिते शम्भो
पत्र-पत्र बेलपत्र दुखहारी शम्भो
ऊँ नम: शिव शिव शम्भो
ऊँ नम: शिवरूद्राय
ऊँ नम: नीलकंठाय
ऊँ नम: महाकालाय
ऊँ नम: शिव शिव शम्भो।

नितेश वर्मा

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