Monday, 28 March 2016

हर ज़ख्म पे आह होगी और हर दर्द पे जाँ निकलेगी

हर ज़ख्म पे आह होगी और हर दर्द पे जाँ निकलेगी
जब भी ज़ुबाँ पत्थर खायेगी हर हर्फ़ से माँ निकलेगी।

नितेश वर्मा और माँ।

No comments:

Post a Comment