Monday, 7 March 2016

रात भर चिराग़ जलाते रहे

रात भर चिराग़ जलाते रहे
आँधियों से दिल लगाते रहे
घर जो मेरा रोशन ना हुआ
शहर को दीया दिखाते रहे।

नितेश वर्मा

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