Nitesh Verma Poetry
Home
�� Home
Poetry
Articles
Story
Contact
Contact
Monday, 7 March 2016
रात भर चिराग़ जलाते रहे
रात भर चिराग़ जलाते रहे
आँधियों से दिल लगाते रहे
घर जो मेरा रोशन ना हुआ
शहर को दीया दिखाते रहे।
नितेश वर्मा
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment