Sunday, 13 March 2016

किसी भी तरीके से उनको मेरे साथ रहने तो दो

किसी भी तरीके से उनको मेरे साथ रहने तो दो
वो याद फिर गुजर जायेगी बारिश ठहरने तो दो।

मुलाकात मोहब्बत के रास्ते से मुकम्मल हुई है
इंकार भी हो सकती है यूं इकरार करने तो दो।

सामने समुंदर है पीछे वादियों भरा हसीन समां
जानते है बिछड़ जायेंगे मगर संग चलने तो दो।

किससे शिकायतें बैठकर मैं करने लगा हूँ वर्मा
कल तक जो कह रहा था के मुझे सुधरने तो दो।

नितेश वर्मा

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