मुझे वहीं रूक जाना था
उसकी निगाहों में
कुछ पल ठहरना था
उसकी निगाहों में
माँगनी थी कुछ ख्वाहिशातें
अर्जी भरनी थी एक रात की
पुकारना था उसे ज़रा जोर से
मग़र मैं लौट आया
ये सोचकर के.. के अकसर
अब तो.. यादों में
इसी गली से गुजरना है।
नितेश वर्मा
उसकी निगाहों में
कुछ पल ठहरना था
उसकी निगाहों में
माँगनी थी कुछ ख्वाहिशातें
अर्जी भरनी थी एक रात की
पुकारना था उसे ज़रा जोर से
मग़र मैं लौट आया
ये सोचकर के.. के अकसर
अब तो.. यादों में
इसी गली से गुजरना है।
नितेश वर्मा
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