Nitesh Verma Poetry
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Tuesday, 31 May 2016
मेरी आँखों का यकीन कर ये लफ़्ज़ कुछ कहती है अकसर
मेरी आँखों का यकीन कर ये लफ़्ज़ कुछ कहती है अकसर..
मैं जो जमाने से नहीं कह पा रहा हूँ वो ये कहती है अकसर।
नितेश वर्मा
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