जब तक खुदके कदम चलते हैं सब साथ होते हैं
मुसीबत में सिक्के भी कौन से अपने हाथ होते हैं।
गम की आँधियाँ एक साथ चलकर पास आती हैं
बुरे वक़्त में कहाँ पास कोई बयाने ज़ज्बात होते हैं।
नितेश वर्मा
मुसीबत में सिक्के भी कौन से अपने हाथ होते हैं।
गम की आँधियाँ एक साथ चलकर पास आती हैं
बुरे वक़्त में कहाँ पास कोई बयाने ज़ज्बात होते हैं।
नितेश वर्मा
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