Saturday, 13 September 2014

चेहरा भूल आया है आईना अक्स अपना

चेहरा भूल आया है आईना अक्स अपना
दिखता था जो पुराना कोई शक्स अपना

सलवटों सी बस बची रही ज़िन्दगी मौला
मिलता कहाँ कोई जिसमें हो रक्त अपना

नितेश वर्मा

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