चेहरा भूल आया है आईना अक्स अपना
दिखता था जो पुराना कोई शक्स अपना
सलवटों सी बस बची रही ज़िन्दगी मौला
मिलता कहाँ कोई जिसमें हो रक्त अपना
नितेश वर्मा
दिखता था जो पुराना कोई शक्स अपना
सलवटों सी बस बची रही ज़िन्दगी मौला
मिलता कहाँ कोई जिसमें हो रक्त अपना
नितेश वर्मा
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