मुझसे मेरा ही ख्याल मिलता नहीं
दिल खफ़ा है मगर वो मिलता नहीं
भरें बाजार था जिसे तालाशता मैं
वो हवाओं में भी अब मिलता नहीं
जैसे को तैसा हर कहानी का उपदेश
कहता है किताब मगर मिलता नहीं
नासूर दिल पे भी इक राहत दिखी है
मगर बीमारी में भात मिलता नहीं
खफ़ा होना ही हिसाब का था बस तेरें
मगर मरनें के बाद कोई मिलता नहीं
चला था परिन्दा इक आसमां चुरा के
मगर सुकूं उसे अब कहीं मिलता नहीं
नितेश वर्मा
दिल खफ़ा है मगर वो मिलता नहीं
भरें बाजार था जिसे तालाशता मैं
वो हवाओं में भी अब मिलता नहीं
जैसे को तैसा हर कहानी का उपदेश
कहता है किताब मगर मिलता नहीं
नासूर दिल पे भी इक राहत दिखी है
मगर बीमारी में भात मिलता नहीं
खफ़ा होना ही हिसाब का था बस तेरें
मगर मरनें के बाद कोई मिलता नहीं
चला था परिन्दा इक आसमां चुरा के
मगर सुकूं उसे अब कहीं मिलता नहीं
नितेश वर्मा
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