हैंरानियत को भी जो पढ लिया उसनें
मुहब्बत ये कैसा अब कर लिया उसनें
ये तिनका ही सहीं जो मेरे नसीब का
इस नसीब का यकीं जो कर लिया उसनें
चल-कर ही इस सफर का थकान मिटा
आँखों से जो मेरें पानी पी लिया उसनें
इंतज़ार की हैं उसनें मेरे आने तक की
मिला जो ना खुद को जला लिया उसनें
रूठा था दिल जो किसी बात पे, देख अब
तस्वीर को मेरे सीनें से लगा लिया उसनें
उसनें शायद ठीक ही कहा था कभी वर्मा
हिसाबों का जो किताब कर लिया उसनें
नितेश वर्मा
मुहब्बत ये कैसा अब कर लिया उसनें
ये तिनका ही सहीं जो मेरे नसीब का
इस नसीब का यकीं जो कर लिया उसनें
चल-कर ही इस सफर का थकान मिटा
आँखों से जो मेरें पानी पी लिया उसनें
इंतज़ार की हैं उसनें मेरे आने तक की
मिला जो ना खुद को जला लिया उसनें
रूठा था दिल जो किसी बात पे, देख अब
तस्वीर को मेरे सीनें से लगा लिया उसनें
उसनें शायद ठीक ही कहा था कभी वर्मा
हिसाबों का जो किताब कर लिया उसनें
नितेश वर्मा
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