..अब सुकूं कहीं मिलता नहीं..
..मिल तो जाएं वो..
..मगर मुहब्बत वो मिलता नहीं..
..चाहता था मैं भी बताना ज़मानें को..
..मगर जमानें को भी कहीं..
..अब सुकूं मिलता नहीं..
..कहे तो सब एक साथ थें मेरे..
..मगर बेकफ़न कब तक थी लाश..
..खबर ये मिलता नहीं..
..आ जाऐंगे इस जद में सब..
..मगर काफ़िरों को..
..कभी ठिकाना मिलता नहीं..
..यूं ही गर उठती रही आवाज़ मेरी..
..हो जाऐंगे सबके आँखें नम..
..मगर बारिशों में..
..कभी कोई खबर मिलता नहीं..
..टूट चूकां हैं मुहब्बत..
..कही हर अफसानों से..
..मगर इन परिन्दों को कभी..
..ये खबर मिलता नहीं..
..नितेश वर्मा..
..मिल तो जाएं वो..
..मगर मुहब्बत वो मिलता नहीं..
..चाहता था मैं भी बताना ज़मानें को..
..मगर जमानें को भी कहीं..
..अब सुकूं मिलता नहीं..
..कहे तो सब एक साथ थें मेरे..
..मगर बेकफ़न कब तक थी लाश..
..खबर ये मिलता नहीं..
..आ जाऐंगे इस जद में सब..
..मगर काफ़िरों को..
..कभी ठिकाना मिलता नहीं..
..यूं ही गर उठती रही आवाज़ मेरी..
..हो जाऐंगे सबके आँखें नम..
..मगर बारिशों में..
..कभी कोई खबर मिलता नहीं..
..टूट चूकां हैं मुहब्बत..
..कही हर अफसानों से..
..मगर इन परिन्दों को कभी..
..ये खबर मिलता नहीं..
..नितेश वर्मा..
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