उस नजर की कोई ख्वाहिशें मिटती नहीं
सवालें इतनी हैं की नुमाईशें मिटती नहीं
वो घर के अंदर भी गुम-सुम सी बैठी हैं
चेहरें पे सौ पहरें और बंदिशें मिटती नहीं
यूं तो बस अब उसका ख्याल ही काफी हैं
कहानियाँ हैं इतनी के रंजिशें मिटती नहीं
उसकी दर्दों का तो अब कोई मरहम नहीं
देखी हैं करके यूं ये गुजारिशें मिटती नहीं
नितेश वर्मा
सवालें इतनी हैं की नुमाईशें मिटती नहीं
वो घर के अंदर भी गुम-सुम सी बैठी हैं
चेहरें पे सौ पहरें और बंदिशें मिटती नहीं
यूं तो बस अब उसका ख्याल ही काफी हैं
कहानियाँ हैं इतनी के रंजिशें मिटती नहीं
उसकी दर्दों का तो अब कोई मरहम नहीं
देखी हैं करके यूं ये गुजारिशें मिटती नहीं
नितेश वर्मा
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