मिलती जो खबर उसकी तो बेखबर ना होतें हम
साथ गर वो होती मेरी तो यूं बेसबर ना होतें हम
बारिशों में यूं ही वो चली आई थीं भींगतें भींगतें
मौसमों का होता हिसाब तो बेकबर ना होतें हम
कितनी आरज़ूओं को दबाएँ बैठा हैं ये दिल मेरा
होती जो उसकी रात तो यूं दरबदर ना होतें हम
उनकी दुआओं का ख्याल हैं ये उम्मीदें मेरी तो
वर्ना यूं इस असर के तो वो बेअसर ना होतें हम
नितेश वर्मा
साथ गर वो होती मेरी तो यूं बेसबर ना होतें हम
बारिशों में यूं ही वो चली आई थीं भींगतें भींगतें
मौसमों का होता हिसाब तो बेकबर ना होतें हम
कितनी आरज़ूओं को दबाएँ बैठा हैं ये दिल मेरा
होती जो उसकी रात तो यूं दरबदर ना होतें हम
उनकी दुआओं का ख्याल हैं ये उम्मीदें मेरी तो
वर्ना यूं इस असर के तो वो बेअसर ना होतें हम
नितेश वर्मा
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