मिलिये मुझसे, तो यूं बिछडनें की बात ना कीजिएं
मोहब्बत नहीं, तो छोडियें ग़म की बात ना कीजिएं
ना-जानें, मुझसे किस कदर रूसवां हैं निगाहें उनकी
नहीं समझे, तो अब छोडिये उनकी बात ना कीजिएं
यूं छोड आयी हैं, वो दिल अपना इक चोर-बाजारी में
और कहती हैं, छोडिये इमांदारी की बात ना कीजिएं
सही मायनें में यही बात नहीं समझ आई मुझे वर्मा!
क्यूं कहतें हैं लोग छोडिये मुझसे की बात ना कीजिएं
नितेश वर्मा
मोहब्बत नहीं, तो छोडियें ग़म की बात ना कीजिएं
ना-जानें, मुझसे किस कदर रूसवां हैं निगाहें उनकी
नहीं समझे, तो अब छोडिये उनकी बात ना कीजिएं
यूं छोड आयी हैं, वो दिल अपना इक चोर-बाजारी में
और कहती हैं, छोडिये इमांदारी की बात ना कीजिएं
सही मायनें में यही बात नहीं समझ आई मुझे वर्मा!
क्यूं कहतें हैं लोग छोडिये मुझसे की बात ना कीजिएं
नितेश वर्मा
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