मुझसे सवालें कितनी नज़र उसकी करती हैं
बातें जाने दिल क्यूं हर पहर उसकी करती हैं
वो आहिस्तें से आई थी कभी ज़िंदगी में मेरे
अभ्भी बरसात क्यूं ये खबर उसकी करती हैं
वो ना-जानें मेरें ख्यालों से भी कितनी दूर हैं
और न जानें कैसे बातें शहर उसकी करती हैं
उसके यादों को मिटानें के खातिर जला दी हैं
ये तो धुएं भी तस्वीर, मगर उसकी करती हैं
नितेश वर्मा
बातें जाने दिल क्यूं हर पहर उसकी करती हैं
वो आहिस्तें से आई थी कभी ज़िंदगी में मेरे
अभ्भी बरसात क्यूं ये खबर उसकी करती हैं
वो ना-जानें मेरें ख्यालों से भी कितनी दूर हैं
और न जानें कैसे बातें शहर उसकी करती हैं
उसके यादों को मिटानें के खातिर जला दी हैं
ये तो धुएं भी तस्वीर, मगर उसकी करती हैं
नितेश वर्मा
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