Thursday, 7 April 2016

खामोशियाँ नहीं है मुझमें तेरे बाद

खामोशियाँ नहीं है मुझमें तेरे बाद
परेशां है दिल मेरा मुझमें तेरे बाद

किसी धूप का कोई असर नहीं है
छांव बेकरार सी है मुझमें तेरे बाद

सवाल भी इन लबों के मेरे नहीं है
एक किरदार है यूं मुझमें तेरे बाद

चल पड़ा जो वो जिक्र तेरा मुझमें
रात-भर जागा वो मुझमें तेरे बाद

यूं उम्मीद से ज्यादा नाउम्मीद है
खो गया जाने क्या मुझमें तेरे बाद।

नितेश वर्मा

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