Thursday, 7 April 2016

इन लबों पे जो मुस्कुराहट है

इन लबों पे जो मुस्कुराहट है
साँसों के दरम्यान आहट है।

हँसीं शक्लें मुझमें बनती रही
जिंदगी को थोड़ी सी राहत है।

नितेश वर्मा

No comments:

Post a Comment