हमारी किताबत को समझिये हमसे उलझिये
मुहब्बत ना सही तो ना हरकतें तो ये बदलिए।
आवारगी में रहिये या बेफिक्र होके मचलिए
हर शाम ज़नाब घर भी तो फोन कर लीजिए।
नितेश वर्मा और घर। 😊
मुहब्बत ना सही तो ना हरकतें तो ये बदलिए।
आवारगी में रहिये या बेफिक्र होके मचलिए
हर शाम ज़नाब घर भी तो फोन कर लीजिए।
नितेश वर्मा और घर। 😊
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