Friday, 8 April 2016

कोई हसीं शमां तेरे नाम का

कोई हसीं शमां तेरे नाम का
ये शामों-सुबहा तेरे नाम का
साँसों में तू हर वक़्त है
लबों पे हैं दुआ तेरे नाम का
सफ़र है हसीं तुझमें मेरा
तू है सिला कोई
मेरे हसीं अंजाम का
कोई हसीं शमां तेरे नाम का
ये शामों-सुबहा तेरे नाम का

होने लगी हैं बातें अजीब अब
खोया रहता है दिल मेरा रक़ीब अब
चाहता हैं तुझसे कुछ बातें करें ये
सोचता है अकसर हर्फ़-ए-हसीं अब
छूने की कोशिश करता हूँ तुझको
हो जा तू मेरे किसी काम का
कोई हसीं शमां तेरे नाम का
ये शामों-सुबहा तेरे नाम का

नितेश वर्मा

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