..तुम्हारें बातों से एक राज़ उतरा हैं..
..दिल में जो था मेरा चेहरा..
..वो आज साफ़ उतरा हैं..
..बतानें को और भी थें कई बात..
..लेकिन आँखों में थें जो तुम्हारें उतरा हैं..
..वो नाम वो शख्स..
..आज़ जमानें से आसमां पे उतरा हैं..
..कितनी मासूमियत दिल्लगी हैं तुम्हारी..
..देख तुम्हारी चेहरें से ये पयाम उतरा हैं..
..कितनी शिद्दत से एक राज़ उतरा हैं..
..महबूब के आँखों में था जो प्यार..
..वो आज़ आँखों में उतरा हैं..
..अब ज़मानें की परवाह नहीं..
..मुहब्बत मेरी जो यूं सरेआम उतरा हैं..
..आसमां भी चुप रहता हैं अब..
..चाँद से खूबसूरत जो चाँद उतरा हैं..!
..दिल में जो था मेरा चेहरा..
..वो आज साफ़ उतरा हैं..
..बतानें को और भी थें कई बात..
..लेकिन आँखों में थें जो तुम्हारें उतरा हैं..
..वो नाम वो शख्स..
..आज़ जमानें से आसमां पे उतरा हैं..
..कितनी मासूमियत दिल्लगी हैं तुम्हारी..
..देख तुम्हारी चेहरें से ये पयाम उतरा हैं..
..कितनी शिद्दत से एक राज़ उतरा हैं..
..महबूब के आँखों में था जो प्यार..
..वो आज़ आँखों में उतरा हैं..
..अब ज़मानें की परवाह नहीं..
..मुहब्बत मेरी जो यूं सरेआम उतरा हैं..
..आसमां भी चुप रहता हैं अब..
..चाँद से खूबसूरत जो चाँद उतरा हैं..!
No comments:
Post a Comment