..ज़िन्दगी के हर एहसास में हो तुम..
..इंसा हो मगर मेरे खुदा के जहां से हो तुम..
..अब क्या बताउँ मैं तुम्हें मैं अपनें दिल की जात..
..मेरे हर लफ़्ज़ों से बंधें एहसास हो तुम..!
..इंसा हो मगर मेरे खुदा के जहां से हो तुम..
..अब क्या बताउँ मैं तुम्हें मैं अपनें दिल की जात..
..मेरे हर लफ़्ज़ों से बंधें एहसास हो तुम..!
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