..दिल की लगी आग बुझा जाओ तो अच्छा हैं..
..मुझसे मुहब्बत जता जाओ तो अच्छा हैं..
..कोई और चाहता नहीं मैं तुम्हारें सिवा..
..मुझमें भरी रात बीता जाओ तो अच्छा हैं..
..शहर से हैं दूर सब..
..मेरी पहोच में आ जाओ तो अच्छा हैं..
..बहोत सनें हैं ये हाथ खून से..
..समुन्दर में ही सही धूल जाओ तो अच्छा हैं..
..आवारा गलियों की तरह यूं ही फ़िरतें हो..
..मुझसे मिल जाओ तो अच्छा हैं..
..रहता हूँ मैं बहोत बिखरा अए वर्मा..
..लबों से ही सही किनारें कर जाओ तो अच्छा हैं..
..दिल की लगी आग बुझा जाओ तो अच्छा हैं..
..मुझसे मुहब्बत जता जाओ तो अच्छा हैं..!
..मुझसे मुहब्बत जता जाओ तो अच्छा हैं..
..कोई और चाहता नहीं मैं तुम्हारें सिवा..
..मुझमें भरी रात बीता जाओ तो अच्छा हैं..
..शहर से हैं दूर सब..
..मेरी पहोच में आ जाओ तो अच्छा हैं..
..बहोत सनें हैं ये हाथ खून से..
..समुन्दर में ही सही धूल जाओ तो अच्छा हैं..
..आवारा गलियों की तरह यूं ही फ़िरतें हो..
..मुझसे मिल जाओ तो अच्छा हैं..
..रहता हूँ मैं बहोत बिखरा अए वर्मा..
..लबों से ही सही किनारें कर जाओ तो अच्छा हैं..
..दिल की लगी आग बुझा जाओ तो अच्छा हैं..
..मुझसे मुहब्बत जता जाओ तो अच्छा हैं..!
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