..ख्वाबों का आसमां दे जाओ..
..ये उमस भरी रात ले जाओ..
..मैं बिखरता रहा जमानें में यूं ही..
..मेरे हिस्से का मुझे इनाम दे जाओ..
..हुआ हैं जो कुछ भी मेरे हिस्से में..
..मेरे किस्मत का लिखा किताब मुझे दे जाओ..
..हर उम्मीद टूटा हुआ हैं इस कदर..
..मेरे माथें का लगा इल्ज़ाम मुझे दे जाओ..
..मुहब्बत की भरी शाम कायनात ले जाओ..
..उम्र भर का लिक्खा हिसाब ले जाओ..!
..ये उमस भरी रात ले जाओ..
..मैं बिखरता रहा जमानें में यूं ही..
..मेरे हिस्से का मुझे इनाम दे जाओ..
..हुआ हैं जो कुछ भी मेरे हिस्से में..
..मेरे किस्मत का लिखा किताब मुझे दे जाओ..
..हर उम्मीद टूटा हुआ हैं इस कदर..
..मेरे माथें का लगा इल्ज़ाम मुझे दे जाओ..
..मुहब्बत की भरी शाम कायनात ले जाओ..
..उम्र भर का लिक्खा हिसाब ले जाओ..!
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