Monday, 5 September 2016

तो जन्म लेने दीजिये उस कृष्ण को

सावन के ठीक बाद की हरियाली
भादों की बेइंतहा बारिश
किसी घाट किनारे
बछड़ों का जमघट
फलो से लदी हुई डाली
राधा, रूकमणि, मीरा का मिलना
एक कृष्ण प्रेम का छिपा हुआ है
हम सबके अंदर
इक राधा
इक रूकमणि
इक मीरा के इंतज़ार में
तो जन्म लेने दीजिये उस कृष्ण को
आने दीजिये
कान्हा को अपने घर। �

नितेश वर्मा

जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं। कान्हा आपके घर पधारें।
#Niteshvermapoetry #Happyjanmasthami

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