Nitesh Verma Poetry
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Wednesday, 4 June 2014
..वर्ना चाहा तो मैंनें भी उसे ख़ुदा की तरह था..
..बस फासलों का ही हुआ करता था गुनाह..
..वर्ना चाहा तो मैंनें भी उसे ख़ुदा की तरह था..!
..नितेश वर्मा..
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