Friday, 20 June 2014

..अश्रू हैं बहे पडे..

..अश्रू हैं बहे पडे..
..हिस्सें सब के लगे पडे..
..रोता हैं हर शक्स इस शहर का..
..महफ़िल हैं कैसा सब हैं खुद में लगे पडे..!

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Ashru Hai Bahe Pade
Hisse Sab Ke Lage Pade
Rota Hai Har Saksh Is Shahar Ka
Mahfil Hai Kaisa Sab Hai Khud Me Lage Pade

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